लंबे समय तक जवान बने रहने के लिए अपनाएं ये देसी नुस्खे


आज के समय में अनियमित दिनचर्या के चलते अधिकांश युवा बहुत ही जल्द बुढ़ापे में होने वाले रोगों से पीड़ित हो जाते हैं। असमय बाल सफेद होना, कमजोरी बने रहना, जल्दी थक जाना, जोड़ों में दर्द होना, नजर कमजोर हो जाना आदि ये सभी बुढ़ापे में होने वाली परेशानियां हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए आयुर्वेद में कई देसी नुस्खे बताए गए हैं। इन नुस्खों को नियमित रूप से अपनाते रहने पर लंबे समय तक बुढ़ापे के रोगों से बचे रह सकते हैं।

जानिए कुछ खास नुस्खे जो लंबे समय तक युवावस्था बनाए रखते हैं...
रोज सुबह अपनाएं ये नुस्खा...
हर रोज आंवले का रस, गाय का घी, शहद मिश्री, इन चारों को 15-15 ग्राम की मात्रा में मिला लें। सुबह-सुबह खाली पेट इस मिश्रण का सेवन करें। इसके बाद 2 घंटे तक कुछ नहीं खाए। नियमित रूप से इसे लेते रहने से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं। ये मिश्रण बुढ़ापा दूर रखने के लिए काफी कारगर उपाय है।
- प्रतिदिन अनार का सेवन करने से भी बुढ़ापे के रोग दूर रहते हैं। जवानी बनी रहती है। अनार के सेवन से रक्त संबंधी कई विकार दूर होते हैं। यह रक्त की कमी दूर करने में भी मदद करता है।
ध्यान रखें, यहां दिए नुस्खों को प्रारंभ करने से पूर्व किसी चिकित्सक से भी परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।



संतुलित आहार लें...


प्रतिदिन संतुलित आहार ग्रहण करना चाहिए। ऐसा भोजन करें जो आसानी से पच सके और शरीर के पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता हो। भोजन में विटामिन, प्रोटीन, खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। गरिष्ठ भोजन, तेल, घी, शर्करायुक्त चीजें खाने से बचें।
तनाव से दूर रहें...



तनाव से दूर रहें। जो लोग अधिक सोचते हैं और मानसिक तनाव महसूस करते हैं, उन्हें बुढ़ापे के कई रोग युवावस्था में ही सताने लगते हैं। यदि मानसिक तनाव अधिक रहता हो तो अच्छे दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें। मधुर संगीत सुनें। अच्छी किताबें पढ़ें। इससे मानसिक तनाव दूर होता है। तनाव दूर होगा तो कई प्रकार के रोग नहीं होंगे।



लहसुन का नुस्खा


शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। फिर थोड़ा-सा पानी पिएं। ऐसा नियमित रूप से करें। इस नुस्खे के नियमित प्रयोग से कमजोरी की शिकायत में राहत मिलती है।
आंवले के नुस्खे



- शक्ति बढ़ाने के लिए आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इस मिश्रण को प्रतिदिन एक चम्मच मात्रा में रात को सोने से पहले ग्रहण करें। इसके बाद थोड़ा-सा पानी पिएं।
- आंवले का मुरब्बा नियमित रूप से लेते रहेंगे तो सभी प्रकार की कमजोरी दूर हो जाएगी।



सफेद मुसली का नुस्खा

कमजोरी के दूर करने के लिए यह उपाय नियमित रूप से करें। सफेद मूसली या धोली मूसली का चूर्ण बनाएं। यह चूर्ण एक चम्मच और एक चम्मच पिसी मिश्री, मिला लें।सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ पिएं। ऐसा करने पर शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है और सभी दैनिक कार्य करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा बनी रहती है।
दूध की मलाई और मिश्री का नुस्खा
दूध की मलाई और बारीक पिसी हुई मिश्री को एक साथ मिलाएं और इसका सेवन नियमित रूप से करें। ऐसा करने से कमजोरी दूर होती है और लंबे समय तक शरीर बलवान बना रहता है। चेहरे पर रौनक बनी रहती है।



ध्यान रखें ये बातें भी...

- प्रतिदिन नींद का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नींद की कमी कई रोगों को जन्म देती है। अत: प्रतिदिन कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।

- सुबह जल्दी उठना चाहिए और रात को सही समय पर सो जाना चाहिए।

- दिन के समय में या शाम के समय में सोने से बचना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बीमारी की अवस्था में है या वृद्ध है तो वह दिन के समय में सो सकता है। युवा और स्वस्थ लोगों को दिन में नहीं चाहिए। असमय सोने से भी कई प्रकार की बीमारियां पनप सकती हैं।

- प्रतिदिन सुबह व्यायाम करें। योग से बुढ़ापा दूर रहता है। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है। सुबह-सुबह टहलना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।


युवावस्था बनाए रखने के लिए हर रोज कुछ समय गर्भासन करना चाहिए। आगे जानिए गर्भासन करने की विधि और सावधानियां...

गर्भासन की विधि

किसी साफ एवं स्वच्छ स्थान पर कंबल बिछाकर पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। इसके बाद अपने हाथों को जांघ पिंडलियों के बीच से फंसा कर कोहनियों तक बाहर निकाल लें। अब दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए दोनों घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं।


इसके बाद शरीर को संतुलित करते हुए दोनों हाथों से अपने कान को पकड़ें। आसन के इस स्थिति में आने पर शरीर का पूरा भार नितंब (हिप्स) पर रहता है। इस स्थिति में 1 से 5 मिनट तक रहें और पुन: धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में जाएं।
इस आसन को करने में कुछ कठिनाइयां हो सकती हैं, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास के साथ ही यह आसान हो जाता है। इस संबंध में किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक या चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।


गर्भासन के लाभ


इस आसन से रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली होती है। यह आसन शरीर की नसों और मांसपेशियों के दोषों को दूर करता है। शरीर को हल्का करता है तथा रक्त संचार को सही करता है। भूख को बढ़ाता है तथा स्नायु की दुर्बलता को दूर करता है।



गर्भासन स्त्रियों के लिए भी लाभकारी है। इससे गर्भाशय के कई रोग ठीक हो सकते हैं। कम उम्र की लड़कियां अगर इस आसन को नियमित रूप से करेंगी तो उन्हें गर्भाशय से संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। इससे मुख की सुंदरता बढ़ती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से स्त्री-पुरुष दोनों अधिक समय जवान रह सकते हैं।

1 comments:

Dr Hashmi said...

Thanks for sharing very useful post.Do some exercise and take healthy diet. Try supplement for body weakness.Visit
http://www.hashmidawakhana.org/low-energy-weakness-and-fatigue.html

Post a Comment