Home remedies for Sore Throat

1. गले में खराश
बदलते मौसम में गले में खराश होना आम बात है। खराश से आपके गले में चुभन होने लगती है। साथ ही बोलने में भी परेशानी हो सकती है। ऐसे में आप डॉक्टर की मदद लेने से पहले कुछ प्राकृतिक उपायों का भी सहारा लिया जा सकता है। आइए जानें ऐसे ही कुछ प्राकृतिक उपायों के बारे में।

2. गरारे
गले में खराश के लिए गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना बहुत आसान और असरदार उपाय हैं। नमक मिला गर्म पानी गले में इंफेक्शन की वजह से आयी सूजन को कम कर आराम पहुंचाता है। जल्द राहत पाने के लिए बेहतर होगा कि आप हर तीन घंटे में गरारे करें। गरारे करने के तुरन्त बाद किसी ठंडे पदार्थ का सेवन न करें। गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग में आराम मिलता है।


3. शहद वाली चाय
शहद वाली चाय पीने से गले मे खराश के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है। कई शोधों में भी यह बात साबित हुई है कि शहद में बैक्टीरिया से लड़ने वाले तत्व पाए जाते हैं, जो गले की खराश में फायदेमंद होते हैं।

4. मुनक्का
जिन लोगों को गले में निरंतर खराश या फिर एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है। तो सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का बीजों को खूब चबाकर खा ला लें। दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ऊपर से पानी ना पिएं।


5. हर्बल चाय
काली मिर्च, तुलसी व लौंग से बनी चाय पीने से गले में खराश की समस्या में आराम मिलता है। इन प्राकृतिक औषधियों से बनी गर्म चाय की चुस्कियों से गले को काफी राहत मिलती है, साथ ही यह चाय शरीर के लिए नुकसानदेह भी नहीं होती है।

6. हल्दी वाला दूध
अदरक को पीस कर उसमें थोड़ी सी हल्दी और चाय पत्ति डालकर दूध में उबाल लें। दूध तब तक उबालें जब तक हल्दी पक ना जाएं। फिर इसे कप में लेकर चाय की चुस्कियां लेते हुए पिएं। इससे गले में खराश में काफी राहत मिलेगी।


7. तरल पदार्थ
गले में खराश होने पर कुछ भी खाना-पीना आसान नहीं होता है लेकिन बेहतर होगा कि अगर आप थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ गर्म तरल पदार्थ लेते रहें। और कुछ भी नहीं तो आप थोड़ी-थोड़ी देर में गर्म पानी पीते रहें। इससे आपके गले की सिकाई होगी और आपको आराम मिलेगा।

8. मुलहठी
मुलहठी गले में खराश के लिए रामबाण होता हैं। सोते समय मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाये। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी को अगर पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी अच्छा रहता है। इससे सुबह गले में खराश दूर होने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।

9. काली मिर्च
गले की खराश को दूर करने के लिए रात को सोते समय काली मिर्च और बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से भी बैठा गला खुल जाता है।


10. अंजीर
नाशपाती के आकार का अंजीर बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमंद फल है। अंजीर में पाया जाने वाला सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, तांबा, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सल्फर, फाइबर और क्लोरिन स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ होता है।



Important Health Tips for Daily Life - दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपाय




बड़े काम की छोटी छोटी बातें
 
व्यक्ति फल खाता है, परंतु यह नहीं जानता कि कैसे खायें। पका हुआ केला शहद के साथ खायें, अति स्वास्थ्यवर्धक होगा। अधपका केला नहीं खाना चाहिए।केले को दूध के साथ मिलाकर शेक न बनायें
बल्कि पहले दो केले खाये फिर उपर से गर्म दूध पियें देह मांसल(पुष्ठ) होगी।
-गर्भनिरोधक- मासिक धर्म से शुद्ध होने पर (पांचवें दिन से) चमेली की एक कली (चमेली का फूल, जो खिला न हो) पानी के साथ रोज लगातार तीन दिन तक निगलने से एक वर्ष तक गर्भनिरोधक का काम करेगा।
-जब नींद न आये- पैर के नाखूनों पर तेल लगायें।
भांग पीस कर तलुवों पर लगायें, जल्द नींद आ जायेगी।
-तुलसी के एक मुट्ठी भर पत्ते तकिये के नीचे रख दें।
-नेत्रज्योति- रोज नहाने से पूर्व पांव के अंगूठों में सरसों का तेल मलें, नेत्रज्योति बुढ़ापे तक कमजोर नहीं होगी।
-मोतियाबिंद- रोज माथे पर असली चंदन घिस कर लगायें, मोतियाबिंद नहीं होगा।
-दीर्घायु- जिस दिन बच्चा पैदा हो, उस दिन से 10 दिन तक लगातार बच्चे को असली सोने के चावल का आठवां भाग घिस कर थोड़ा सा जल मिला कर चटायें।
-जब बाल अधिक झड़ते हों- तांबे की कटोरी में दही डाल कर उसमें तांबे के तीन-चार छोटे-छोटे टुकड़े डाल दें। 3-4 दिन बाद उन टुकड़ों से दही को घिसें, अब दही हरे रंग की हो जायेगी। इस दही को अच्छी तरह सिर पर मलें, आधे घंटे बाद बालों को रीठी शिकाकाई से धो लें।
-घर के चूहे भगायें- घर में एक चूहे को किसी तरह पकड़ कर नीले रंग में रंग दें। इससे होगा यह कि बाकी चूहे उसे देख कर घर से बाहर भाग जायेंगे।
-आंखें दुखना- यदि यह महसूस हो कि आंखों में दर्द होने वाला है या फिर दर्द आरंभ हो गया हो, तो ऐसी स्थिति में उसी समय उसी ओर के कान में रुई ठूंस लें। यदि दोनों आंखों में दर्द है, तो दोनों कानों में रुई ठूंस लें। 2-3 घंटे के लिए दर्द ठीक हो जायेगा।
-हर प्रकार की खांसी दूर करें- गुदा पर दिन भर में 3-4 बार तेल चुपड़ते रहें, खांसी दूर हो जायेगी।
-पसली में दर्द- हींग को गरम पानी में घोल कर दर्द वाली पसली पर लेप करें, पसली का दर्द ठीक होगा।
-दाद, खाज, सिर की गंज- पका हुआ केला (केले का गूदा) नींबू के रस में पीस कर मलहम की तरह प्रभावित जगह पर लेप करें। इससे दाद, खाज, गंज में लाभ होगा।
- खूनी बवासीर में भुने हुए चने गरम-गरम खाने से आराम मिलता है
-जब दस्त हो रही हो- तो लौकी का रायता खायें।
-पैर के तलवे में जलनहो रही हो तो लौकी को काट कर तलवे पर मलें।
- हल्के दस्त में काली चाय (बिना दूध) में नींबू निचोड़ कर पियें।
-हृदय रोगियों के लिए पेय-जामुन, आम, अर्जुन की छाल ले कर दरदरा
कूट लें रात को एक गिलास पानी में उसे भिगो दें ,सुबह इसे छान
कर एक चम्मच शहद के साथ मिला कर इसे पी जायें,
यदि साथ ही मधुमेह भी हो, तो शहद न डालें, बल्कि रात में उस गिलास में मेथी के दाने भी भिगो दें। मेथी मधुमेह को नियंत्रित करता है। -जुकाम के रोगी को हर चीज गर्म ही खानी चाहिये, जैसे, खाना, चाय, कॉफी, सूप, दाल आदि। पीने का पानी गुनगुना होना चाहिये। अचार,
चटनी, फ्रिज में रखी कोई चीज या ठंडी चीज न लें।
-जिन बच्चों का कद धीरे-धीरे बढ़ता हो (ज्यादातर 8-10 साल की उम्र के
बीच के बच्चों के लिए)- एक खजूर, चार काली किशमिश, एक कप साफ
पानी में रात को भिगोयें। सुबह दूध के साथ उन्हें खाने को दें या दूध में
डाल कर खाने को दें, नुस्खा कारगर है।
तोतलापन-इस समस्या से जूझने वाले बच्चों को कुछ समय तक रोज एक
हरा ताजा आंवला खिलायें। लाभ होगा।
-आम टॉनिक (शक्ति व स्फूर्तिदायक)आम के 11 ऐसे पत्ते, जो पेड़ पर लगे-
लगे ही पीले पड़ गये हों, उन्हें एक लीटर पानी में 4-5 इलायची डाल कर
तब तक पकायें, जब तक पानी आधा न रह जाये। फिर उसे उतार कर
इच्छानुसार दूध, चीनी डाल कर चाय की तरह पियें। ऐसा करने से कमजोरी
दूर होगी।
-कमजोर नजर के लिये पिसी बादाम, सौंफ और मिश्री, इन तीनों को सौ-सौ
ग्राम ले करएक साथ पीस लें फिर टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद कर रख
लें। रोज रात एक चम्मच भर कर दूध के साथ सेवन करें, इससे नेत्रदृष्टि
अच्छी हो जायेगी।

Home Tips for Daily Life - दैनिक जीवन के लिए घरेलू उपचार




1. प्याज के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।

2. प्रतिदिन 1 अखरोट और 10 किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर होती है।

3. टमाटर के सेवन से चिढ़चिढ़ापन और मानसिक कमजोरी दूर होती है।यह मानसिक थकान को दूर करमस्तिस्क को तंदरुस्त बनाये रखता है।इसके सेवन से दांतो व् हड्डियों की कमजोरी भी दूर होती है.

4. तुलसी के पत्तो का रस,अदरख का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1चम्मच की मात्रा में दिन में 3से4 बार सेवन करने से सर्दी,जुखाम व् खांसी दूर होती है।

5. चाय की पट्टी की जगह तेज पत्ते की चाय पीने से सर्दी, जुखाम ,छींके आनानाक बहना ,जलन व् सरदर्द में शीघ्र आराम मिलता है।

6. रोज सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी पीने से चेहरे में रौनक आती है वजन कम होता है, रक्त प्रवाह संतुलित रहता है और गुर्दे ठीक रहते है।

7. पांच ग्राम दालचीनी ,दो लवंग और एक चौथाई चम्मच सौंठ को पीसकर 1 लीटर पानी में उबाले जब यह 250 ग्राम रह जाए तब इसे छान कर दिन में 3 बार पीने से वायरल बुखार में आराम मिलता है।

8. पान के हरे पत्ते के आधे चम्मच रस में 2 चम्मच पानी मिलाकर रोज नाश्ते के बाद पीने सेपेट के घाव व् अल्सर में आराम मिलता है।

9. मूंग की छिलके वाली दाल को पकाकर यदि शुद्ध देशी घी में हींग-जीरे का तड़का लगाकर खाया जाए तो यह वात, पित्त, कफ तीनो दोषो को शांत करती है।

10. भोजन में प्रतिदिन 20 से 30 प्रतिशत ताजा सब्जियों का प्रयोग करने से जीर्ण रोग ठीक होता है उम्र लंबी होती है शरीर स्वस्थ रहता है।

11. भिन्डी की सब्जी खाने से पेशाब की जलन दूर होती है तथा पेशाब साफ़ और खुलकर आता है।

12. दो तीन चम्मच नमक कढ़ाई में अच्छी तरह सेक कर गर्म नमक को मोटे कपडे की पोटली में बांधकर सिकाई करने से कमर दर्द में आराम मिलता है।

13. हरी मिर्च में एंटी आक्सिडेंट होता है जो की शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैऔर कैंसर से लड़ने में मदद करता है इसमें विटामिन c प्रचुर मात्रा में होता है जो की प्राकृतिक प्रतिरक्षा में सुधार करता है।

14. मखाने को देसी घी में भून कर खाने से दस्तो में बहुत लाभ होता है इसके नियमित सेवन से रक्त चाप , कमर दर्द, तथा घुटने के दर्द में लाभ मिलता है।

15. अधिक गला ख़राब होने पर 5 अमरुद के पत्ते 1 गिलास पानी में उबाल कर थोड़ी देर आग पर पका ठंडा करके दिन में 4 से 5 बार गरारे करने से शीघ्र लाभ होता है।

16. आधा किलो अजवाइन को 4 लीटर पान में उबाले 2 लीटर पानी बचने पर छानकर रखे, इसे प्रतिदिन भोजन के पहले 1 कप पीने से लिवर ठीक रहता है एवशराब पीने की इच्छा नहीं होती.।

17. नीम की पत्तियो को छाया में सुखा कर पीस लें . इस चूर्ण में बराबर मात्रा में कत्थे का चूर्ण मिला ले।इस चूर्ण को मुह के छालो पर लगाकर टपकाने से छाले ठीक होते है।

18. प्रतिदिन सेब का सेवन करने से ह्रदय,मस्तिस्क तथा आमाशय को समान रूप से शक्ति मिलती है तथा शरीर की कमजोरी दूर होती है।

19. 20से 25 किशमिश चीनी मिटटी के बर्तन में रात को भिगो कर रख दें।सुबह इन्हें खूब चबा कर खाने से लो ब्लड प्रेसर में लाभ मिलता है व् शरीर पुष्ट होता है।

20. अमरुद में काफी पोषक तत्व होते है .इसके नियमित सेवन से कब्ज दूर होती है और मिर्गी, टाईफाइड , और पेट के कीड़े समाप्त होते है।

Sexual Weakness Treatment

परेशान आज का युवा खान-पान और मिलावटी सामान के सेवन से नपुंसकता (Impotence ) जैसी घातक बीमारियों से जूझ रहा है आये दिन हमें कई लोगो के इसकी जानकारी के लिए प्रश्न आते है इस प्रकार के नवजवानों के लिए आयुर्वेद द्वारा एक विशेष चूर्ण का निर्मार्ण करके आप लाभ ले सकते है एक बार इस्तेमाल करके इस दिव्य चूर्ण का लाभ अवस्य उठाये - बस आप इसे घर पे सारी सामग्री लाके निर्माण करे - बाजार में हो सकता है आपको सही प्राप्त न हो सके और फिर आपका विश्वास आयुर्वेद से न उठ जाए -

कैसे बनाये (How to make it ):-
कोंच के बीज शुद्ध- 50 ग्राम
असगंध- 50 ग्राम
विदारीकन्द- 50 ग्राम
मूसली- 50 ग्राम
मोचरस- 50 ग्राम
गोखरू- 50 ग्राम
जायफल- 50 ग्राम
उडद की दाल- 50 ग्राम (घी में भुनी हुई )
बंशलोचन- 50 ग्राम
सेमर के फूल- 50 ग्राम
खरेंटी- 50 ग्राम
सतावर- 50 ग्राम
भांग- 50 ग्राम ( पानी से धुली और फिर सुखाई हुई )
मिश्री- 700 ग्राम

आप बाजार में आयुर्वेद पंसारी से लाई गई उपरोक्त सभी उपरोक्त सामान को कूटकर छान ले ओर आपस में मिक्स करके कांच के बर्तन में ढक्कन लगाकर रख ले -

मात्रा और अनुपान (Volume and dose ):-
आप इसे प्रातः और रात्री में सोने से एक घंटा पहले 3-6 ग्राम पानी से या गाय के दूध से ले-

गुण ओर उपयोग (Properties and use ):-
आपके शरीर के लिए यह चूर्ण पोष्टिक रसायन है इसके सेवन से बल ओर वीर्य की वृद्धि होती है- अत्यधिक स्त्री प्रसंग या किशोरावस्था में अप्राकृतिक ढंग से वीर्य का ज्यादा दुरूपयोग करने से वीर्य पतला हो जाता है तथा शुक्रवाहिनी शिराएं भी कमजोर हो जाती है ओर फिर वे वीर्य धारण करने में सफल नहीं हो पाती है - जिसके परिणाम स्वरूप स्वप्नदोष-शीघ्रपतन-वीर्य का पतला पन-पेशाब के साथ ही वीर्य निकल जाना आदि विकार उत्पन्न हो जाते है इन विकारों को दूर करने के लिए आप इस चूर्ण का उपयोग करना आपके लिए हितकर है-
निम्नांकित फायदे होते हैं:-

यह रसायन के गुण से युक्त है आपकी धातु की रक्षा करता है वीर्य (Semen ) की वृधि करके आपको सामर्थवान बनाने में सक्षम है ये शरीर की पुष्टता बढाता है एक बाजीकरण योग (Vajikrn yoga ) है स्त्री सम्भोग के लिए वीर्य के उत्पादन को बढाता है इसलिए कमजोर व्यक्ति को एक बार अवस्य ही इसका प्रयोग करके इसके गुणों को जांचना और परखना चाहिए क्युकी ये किसी वरदान से कम नहीं है -

डायबिटीज (Diabetes ) के रोगियों के लिये यह चूर्ण किसी वरदान से कम नही है तथा डायबिटीज के रोगियों की सम्भोग अथवा मैथुन (Sexual intercourse ) करने की क्षमता कमजोर हो जाती है तो आप इस चूर्ण के सेवन करने से डायबिटीज के रोगियों को दो तरफा फायदा होता है इससे प्रमेह (Gonorrhea ) की शिकायत भी दूर होती है-

जिनका वीर्य (semen ) हस्त मैथुन (Masturbation ) या अन्य अप्राकृतिक तरीके अपनाने के बाद पानी जैसा पतला हो गया हो , इस चूर्ण के सेवन करने से वीर्य शुद्ध होकर गाढ़ा और प्राकृतिक हो जाता है-

जिनके वीर्य में कोई भी विकृति हो , शुक्राणु कम हों या स्पेर्म न बन रहे हों , उन्हें इस औशधि का उपयोग जरूर करना चाहिये-

इस चूर्ण को सभी प्रकार के शुक्र दोषों (dyspermatism ) में उपयोग किया जा सकता है-
शरीर की साधारण स्वास्थ्य सुरक्षित रखने और शक्ति संचार को स्थाई बनाये रखने के लिये तथा कु-पोषणसे पीड़ित रोगियों के लिये यह एक लाभकारी औषधि है-

नोट :- आप के लिए पूरे जाड़े में सेवन करने के लिए उपयुक्त चूर्ण है ..! गर्मी में इसकी मात्रा आधी ले और दूध आधा लीटर गाय का हो तो उत्तम है -

The Medicinal Value of Pomegranate Peels

अनार के छिलकों का औषधीय महत्त्व



बवासीर (अर्श) :
• 10 ग्राम अनार के छिलके का चूर्ण बनाकर इसमें 100 ग्राम दही मिलाकर खाने से बवासीर ठीक हो जाती है या अनार के छिलकों का चूर्ण 8 ग्राम, ताजे पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम प्रयोग करें।
अनार के छिलकों का चूर्ण नागकेशर के साथ मिलाकर सेवन करने से बवासीर में खून का बहना बंद होता है। अनार का रस पीने से भी बवासीर में लाभ होता है।

अतिसार
3-6 ग्राम अनार के जड़ की छाल या अनार के छिलके का चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार देना चाहिए। इससे अतिसार नष्ट हो जाता है।

• अनार फल के छिलके के 2-3 ग्राम चूर्ण का सुबह-शाम ताजे पानी के साथ प्रयोग करने से अतिसार तथा आमातिसार में लाभ होता है।

• अनार का छिलका 20 ग्राम को 1 लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर रख लें, फिर इसी बने काढ़े को छानकर पीने से अतिसार (दस्त) में खून का आना बंद हो जाता है।

• अनार के छिलके 50 ग्राम को लगभग 1.2 मिलीलीटर दूध की मात्रा में डालकर धीमी आग पर रख दें, जब दूध 800 मिलीलीटर बच जाये इसे एक दिन में 3 से 4 बार खुराक के रूप में पीने से अतिसार यानी दस्त समाप्त हो जाते हैं।

नकसीर
अनार के छिलके को छुहारे के पानी के साथ पीसकर लेप करने से सूजन में तथा इसके सूखे महीन चूर्ण को नाक में टपकाने से नकसीर में लाभ होता है।

खांसी 
अनार की सूखी छाल पांच ग्राम बारीक पीसकर कपड़े से छानकर उसमें 0.10 ग्राम कपूर भी मिला लें। यह चूर्ण दिन में 2 बार पानी में मिलाकर पीने से भयंकर बिगड़ी हुई हठीली खांसी भी दूर हो जाती है।

स्वप्नदोष :
• अनार के सूखे पीसे हुए छिलके के बारीक चूर्ण को 1 चम्मच की मात्रा में रात को सोने से पहले ठंडे पानी के साथ फंकी के रूप में लेने से सोते समय पुरुष के शिश्न से धातु का आना (स्वप्नदोष) बंद हो जाता है।

• अनार का पिसा हुआ छिलका 5-5 ग्राम सुबह-शाम पानी से लें।

• अनार के छिलके का रस शहद के साथ रोजाना सुबह-शाम लेने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।

अत्यधिक मासिक स्राव :
• अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच भर की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।

• शरीर के किसी भी भाग से खून निकल रहा हो, उसे रोकने में भी इस विधि का उपयोग किया जा सकता है।

• अनार के थोड़े से छिलकों को सुखा लेते हैं। फिर उसका चूर्ण बनाकर शीशी में भरकर रखें, फिर इसमें से एक चम्मच चूर्ण खाकर ऊपर से पानी पीने से बार-बार खून आने की शिकायत दूर हो जाती है।

विविध
सूखे अनार के छिलकों का चूर्ण दिन में ३-४ बार एक - एक चम्मच ताजा पानी के साथ लेने से बार बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है,

अनार के छिलकों को पानी में उबाल कर उससे कुल्ला करने से श्वास की बदबू समाप्त हो जाती है,
खांसी में अनार के छिलके को मुँह में रखकर धीरे धीरे ३-४ बार चूसते रहने से लाभ मिलता है

अनार के छिलकों के एक चम्मच चूर्ण को कच्चे दूध और गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा दमक उठता है।

आधा चम्मच अनार के छिलकों के बारीक चूर्ण को शहद के साथ चाटने से लाभ होता है।

Back Pain Solution - कमर दर्द का उपाय




कमर दर्द-:- यह समस्या आजकल आम हो गई है। सिर्फ बड़ी उम्र के लोग ही नहीं बल्कि युवा भी कमर दर्द की शिकायत करते रहते हैं। कमर दर्द की मुख्य वजह बेतरतीब जीवनशैली और शारीरिक श्रम न करना है।
अधिकतर लोगों को कमर के मध्य या निचले भाग में दर्द महसूस होता है। यह दर्द कमर के दोनों और तथा कूल्हों तक भी फ़ैल सकता है। बढ़ती उम्र के साथ कमर दर्द की समस्या बढ़ती जाती है। नतीजा काम करने में परेशानी । कुछ आदतों को बदलकर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। आज हम आप को बताते हैं कि किन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप कमर दर्द से निजात पा सकते हैं।

कमर दर्द के कारण

  • मांसपेशियों पर अत्यधिक तनाव।
  • अधिक वजन।
  • गलत तरीके से बैठना।
  • हमेशा ऊंची एड़ी के जूते या सेंडिल पहनना।
  • गलत तरीके से अधिक वजन उठाना।
  • शरीर में लम्बे समय से बीमारियों का होना।
  • अधिक नर्म गद्दों पर सोना।
  • कमर दर्द से बचने के घरेलू उपाय


1. रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।
2. नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर निचोड़ लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं। दर्द के स्थान पर तौलिये से भाप लें। कमर दर्द से राहत पहुंचाने का यह एक अचूक उपाय है।
3. कढ़ाई में दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छे से सेक लें। इस नमक को थोड़े मोटे सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। कमर पर इस पोटली से सेक करने से भी दर्द से आराम मिलता है।
4. अजवाइन को तवे के पर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें। ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। इसके नियमित सेवन से कमर दर्द में लाभ मिलता है।
5. अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें। हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर टहल लें।
6. नर्म गद्देदार सीटों से परहेज करना चाहिए। कमर दर्द के रोगियों को थोड़ा सख्ते बिस्तर बिछाकर सोना चाहिए।
7. योग भी कमर दर्द में लाभ पहुंचाता है। भुन्ज्गासन, शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, आदि कुछ ऐसे योगासन हैं जो की कमर दर्द में काफी लाभ पहुंचाते हैं। कमर दर्द के योगासनों को योगगुरु की देख रेख में ही करने चाहिए।
8. कैल्शियम की कम मात्रा से भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इसलिए कैल्शियमयुक्त चीजों का सेवन करें।
9. कमर दर्द के लिए व्यायाम भी करना चाहिए। सैर करना, तैरना या साइकिल चलाना सुरक्षित व्यायाम हैं। तैराकी जहां वजन तो कम करती है, वहीं यह कमर के लिए भी लाभकारी है। साइकिल चलाते समय कमर सीधी रखनी चाहिए। व्यायाम करने से मांसपेशियों को ताकत मिलेगी तथा वजन भी नहीं बढ़ेगा।
10. कमर दर्द में भारी वजन उठाते समय या जमीन से किसी भी चीज को उठाते समय कमर के बल ना झुकें बल्कि पहले घुटने मोड़कर नीचे झुकें और जब हाथ नीचे वस्तु तक पहुंच जाए तो उसे उठाकर घुटने को सीधा करते हुए खड़े हो जाएं।
11. कार चलाते वक्त सीट सख्त होनी चाहिए, बैठने का पोश्चर भी सही रखें और कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट टाइट कर लें।
12. ऑफिस में काम करते समय कभी भी पीठ के सहारे न बैठें। अपनी पीठ को कुर्सी पर इस तरह टिकाएं कि यह हमेशा सीधी रहे। गर्दन को सीधा रखने के लिए कुर्सी में पीछे की ओर मोटा तौलिया मोड़ कर लगाया जा सकता है।

इन सब उपायों को अपना कर आप भी कमर दर्द से कुछ निजात पा सकते है।

Desi Treatment for Stones


पथरी भारत में एक आम बीमारी के रूप में उभरकर सामने आ चुकी है। जहां पहले पथरी के मरीज कभी-कभी सुनने को मिल जाते थे। वहीं अब हर दूसरा व्‍यक्ति पथरी की बीमारी से ग्रस्‍त होता है। पथरी एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ती है। सामान्यत: पथरी हर उम्र के लोगों में पाई जाती है, लेकिन फिर भी यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक तकलीफ देने वाली होती है।

पथरी के लक्षण
कब्ज या दस्त का लगातार बने रहना , उल्टी जैसा होना बैचेनी, थकान, तीव्र पेट दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बने रहना। मूत्र संबंधी संक्रमण साथ ही बुखार, कपकपी, पसीना आना, पेशाब के साथ-साथ दर्द होना ,बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में खून भी आ सकता है, पेशाब का रंग असामान्य होना।

पथरी से बचने के तरीके
1. आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन व सोडियम की मात्रा कम हो।

2. चाॅकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक आदि का सेवन बहुत ज्यादा न करें।

3. आवश्यकता से अधिक कोल्डड्रिंक्स भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।

4. विटामिन-सी की ज्यादा मात्रा न लें।

5. नारंगी का रस (जूस) लेने से पथरी का खतरा कम होता है।

6. हर महीने में पांच दिन एक छोटी चम्मच अजवाइन लेकर उसे पानी से निगल जाएं।

पथरी के कुछ देसी इलाज
1. रोजाना एक गाजर खाने से मूत्र पिंड में फंसी हुई पथरी भी बाहर निकल जाती है।

2. तुलसी के बीज को हिमजीरा, चीनी तीनों को बराबर मात्रा में पीसकर रोज एक चम्मच दूध के साथ लेने से पथरी निकल जाती है।

3. जीरे को मिश्री या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।

4. एक मूली को खोखला करने के बाद उसमे बीस-बीस ग्राम गाजर शलगम के बीज भर दें, उसके बाद मूली को भून लें, फिर मूली से बीज निकाल कर पीस लें। सुबह पांच या छ: ग्राम पानी के साथ एक माह तक लेते रहें,पथरी में फायदा मिलेगा।

Drink Warm Water in Winter for Glowing Skin


आयुर्वेद के अनुसार सुबह गर्म पानी पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। वैसे तो स्वस्थ रहने के लिए रोजाना कम से कम 7 से 8 गिलास पानी हर इंसान के लिए जरूरी होता है। मगर ठंडे पानी के साथ ही रोजाना 1 से 2 गिलास गर्म पानी पिया जाए तो यह कई हेल्थ प्रॉब्लम्स में दवा की तरह काम करता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं रोजाना गर्म पानी पीने के ऐसे ही कुछ खास हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में....

1. यदि आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चुके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी।

2. लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल, इस दौरान होने वाले दर्द में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है।

3. गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कतें खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।

4. भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पिएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।

5. खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से पैदा हुए रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं।

6. गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है। दरअसल, गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर के सारे जहरीले तत्व बाहर हो जाते हैं।

7. चरक संहिता के अनुसार बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।

8. यदि शरीर के किसी हिस्से में गैस के कारण दर्द हो रहा हो तो एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस बाहर हो जाती है।

9. अधिकांश पेट की बीमारियां दूषित जल से होती हैं। यदि पानी को गर्म कर फिर ठंडा कर पिया जाए तो पेट की कई अधिकांश बीमारियां पनप ही नहीं पाएंगी।

10. गर्म पानी पीना बहुत उपयोगी रहता है। इससे शक्ति का संचार होता है। कफ और सर्दी संबंधित रोग बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।

11. दमा ,हिचकी ,खराश आदि रोगों में और तले भुने पदार्थों के सेवन के बाद गर्म पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।

12. सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है। गर्म पानी व नींबू का कॉम्बिनेशन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।साथ ही, पी.एच. का स्तर भी सही बना रहता है।

13. रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिए एक गजब के टॉनिक का काम करता है। सिर के स्केल्प को हाइड्रेट करता है। जिससे स्केल्प ड्राय होने की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है।

14. वजन घटाने में भी गर्म पानी बहुत मददगार होता है। खाने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से मेटॉबालिज्म बढ़ता है। यदि गर्म पानी में थोड़ा नींबू व कुछ बूंदे शहद की मिला ली जाएं तो इससे बॉडी स्लिम हो जाती है।

15. हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी एक बेहतरीन औषधि का काम करता है।